ख़बर है

 ख़बर है चांद भी छिप कर बैठा है
सोच रहा है तुम उसकी जगह ले लोगी ।
ख़बर है तुम्हारी अदाओं से प्रकृति भी शर्मा गई है ।
ख़बर है दूर से तुम्हारा दीदार करने नए चेहरे आएँ है ‌।
ख़बर है खुबसूरती की नई परिभाषा तुम बन चुकी हो।
ख़बर है फूल भी झड़ चुके हैं तुम्हारे कोमलता को महसूस करके सोच रहे हैं क्या काम है हमारा जब फूल से भी कोमल परी आ चुकी है ।
ख़बर है फलक की परियां भी कतार में खड़ी है ये देखने की ये कौन सी नई परी है ।। 💕💕😘

Comments

Popular posts from this blog