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Showing posts from April, 2019
दिल मेरा धड़कन तेरी, खुशी तेरी मुस्कान मेरा , चोट मेरा  दर्द तुझे.....  यही तो प्यार है...शायद😅
तेरा साथ हर गम हर बात भुलाकर प्यार से लहुलुहान ए मेरी जान मेरा दिल ।।😘
इस कदर तु मुझे प्यार कर कभी भुला न सकूं कभी ख्वाब में  आओ इस तरह की खुद को सुला न सकूं ।।💕💕
मेरे बदसूरत होने के कारण तुम मुझे छोड़ मत देना ए मेरी महजबीं तु चांद है और मैं चांद का दाग ।।🙃
चाहे आप मेरे दिल के कर दो हजार टुकड़े हर एक टुकड़े में बस आप ही हो , मेरी जिंदगी की प्यार की बारिश  के हर एक बूंद में बस तेरा नाम है ।।💕💕
आपकी अदाएं क़यामत की शामत लाने वाली है 
प्यार तेरा बहुत प्यारा लगता है तुझे देखकर दिल दीवाना लगता है तुमसे मिलकर सब अपना बेगाना लगता है तेरे दीदार से चांद भी फीका लगता है ।।💕
तेरे रोम रोम से मेरा दिल मोम बना ।।💕
रात तक बात कर रात तक बात कर ऐसा नहीं है प्यार असल  में  नहीं तो सही  ख्वाबों  में ही बातें कर लिया करेंगे ।।💕
प्यार था प्यार है  इकरार कर दिया मैंने , अपने दिल की  धड़कनों  को तेरे नाम कर दिया मैंने अपनी दिल की जज्बातों को होठों पर बिछा लिया मैंने ।।💕💕
झुक कर चख कर हर कसर पूरी कर दी दिल में तुझ को रख कर ।।💕
रंजींशे थी , बंदिशें भी थीं दिल पर चिलमन-ए-नफरत भी था , इश्क की आंधी ने चिलमन-ए-नफरत  को उखाड़ फेका ।💕  
यूं तो हर रोज मैं तुम्हें याद करता हूं यूं तो हर रोज मैं तुम्हें याद करता हूं फिर भी याद बनकर तुम मुझे सताती हो 💕
हर चिलमन को तोर कर मेरे दामन पर कब्जा कर लिया है तुमने ।।💕
कब्र खोद कर  अर्थी निकाल कर रखकर  सजकर  पाकर तुझको यह नर  कर रहा है अन्त , अत्यंत तुरंत  दिल पर घाव‌ रखकर पर्यन्त ।।💕
नज़र से नज़र की खबर है आ कर बैठ गई है फलक से हूर मेरी धड़कनों में , सांसों में घुल-मिल बिस्मिल दिल में ।।💕
रख लूं चांदनी को चांद से छिपा कर  कहीं अपने  दिल की परछाई में ।।💕
घर पर छत से झांकती हुई तुम नगर में प्यार के डगर में अगर से मगर में जिगर में तुम ।।💕💕
दिल , दिमाग  समझ नहीं आता सुर‌ , राग  सुनाई नहीं देता दिल में आग  बदतमीज प्यार का इजहार जैसे एक मधुर अनुराग ,  दिल के बाग में  तुम फूल ।।💕
तुझसे मिलने के बाद मैं ऐसा हो गया हूं जैसे वृक्षों से निकली एक मधुर, प्यारी हवा अपने अंतिम पड़ाव पहाड़ों में मिल जाती है , मैं भी तुझसे मिलकर अपने अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया हूं ।।💕💕
तेरी आंखों का जाम पीकर बेवरा हो गया हूं इस दिन के शाम में
तन कर बैठा हूं ठाठ से घायल होने तन कर बैठा हूं ठाठ से घायल होने आशिकों की महफ़िल में पता है मुझे तु मेरी माशुका आएगी नैनो से बान‌ चलाते ।💕💕
तुम गुलाबी ठंड की मीठी हवा हो , तुम सूर्य की पहली किरण से निकलने वाली तालाब चमकाने वाली चमक हो ।।💕💕
तेरे बिना मैं वैसा ही हूं जैसे बदबूदार फूल जैसे फीकी चासनी जैसे बिन बदरा‌ आसमां जैसे बिन बाती दीया जैसे बिन चांदनी चांद ... जैसे पता नहीं क्या 💔
मेरे लिए तो वो अब भी मेरी महजबीं है हां ! उसके लिए मैं जमीं के समान हूं ।।💔
सुबह शाम तेरे दीदार से उबा नहीं आदत होने के बावजूद , हर‌‌ रोज़ नई अदाओं से रूबरू होता हूं।।💕💕