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Showing posts from February, 2019
मैं राही मासूम , मदहोश सी राह पर तन्हाई भरे लम्हें लिए कहीं खो गया हूं । किसी एक मोड़ पर , ओ मेरी महजबीं तु साथ आजा मेरे , प्यार का वो दिया लेकर मुझे रास्ता दिखा दे ।।💝
तेरी मोहब्बत का पानी तेरे मेरे दरमियान बने नफरत की लकीर को मिटा सकता है ?💔
तेरी आवाज़ मेरे तनहापन को खत्म करने का हथियार है , मेरा दिल तुझको अपना बनाने के लिए तैयार है , हां , मुझे तुझसे प्यार है ।।💕
आंखों में अपनी ,आंस लेकर सांसों में तेरी , खुद की सांस लेकर बाहों में तेरे , खुद का सर रखकर ख्वाबों में तेरी , खुद की जगह बनाकर ज़ी रहा हूं मैं , ज़ी रहा हूं मैं ।।💕
कैसे तुझे कोई मासूम कहता है अपनी अदाओं से रोज मेरा कत्ल करना कहां की मासूमियत है ।।💕💕

अच्छा लगता है

तेरी आंखों में हर वक्त खोए रहना , हमें अच्छा लगता है । तेरे होंठों से अपना नाम सुनते रहना , हमें अच्छा लगता है । तेरे ख्वाबों को अपना आशियाना बनाए रखना , हमें अच्छा लगता है । तेरी हर एक बात में खुद को पाना , हमें अच्छा लगता है ।💕😘
ख्वाबों में आकर नींद चुरा लेती हो , कभी सामने आकर मुझे भी चुरा लो न ।💕
क्यों मैं तुझे खोने से डरता हूं , मैं तुझसे इतना प्यार क्यों करता हूं ।।🤔💕
किस तरह हाल-ए-दिल बयां करुं किस तरह तुझसे इज़हार करुं , तेरे काबिल हूं या नहीं किस तरह तुझसे प्यार करुं ।।💕

गलत बात है ।

तेरा यूं मुस्कुराना , मुस्कुरा कर हमें तरपाना , तरपा कर हमारी नींद चुराना ... गलत बात है ।। यूं हर बार मुझे अपनी अदाओं से घायल करना गलत बात है ।। यूं हर बार मुझे अपनी प्रेम की बारिश से कुछ इस तरह भिगोना की मुझे तुम्हारे इश्क का बुखार चढ़ जाए ... गलत बात है ।। यूं हर बार मेरी इतनी फिक्र करके मुझे अपना दिवाना बनाना ... गलत बात है ।।
बन्द कर दे यूं हर बार मुझे अपनी अदाओं से घायल करना मीठी चोंटे मुझे पसंद नहीं ।💕
तुझसे इकरार हुआ मगर इज़हार न हो पाया , मैंने तुझे ना पाकर भी तुझे पाया ।💕
तेरा प्यार मैं समझ नहीं पाया और जब समझने निकला तब तुने समझने नहीं दिया ।💔
तू जन्नत की हुर है तू ही मेरी नुर है , मुझपर चढा तेरा सुरूर है तेरे प्यार का मु़झमें गुरूर है ।💕💕
मेरी लेहज़ा-ए-इश्क हो तुम खुदा की इनायत हो तुम , मेरी हर्फ-ए-मोहब्बत हो तुम मेरे हयात की हमसफ़र हो तुम ।💕
तुझको पाने की मुझमें है  तीसनगी जिसकी लिए मैं खो दुंगा अपनी जान भी , फलक से ज़मीन पर उतरी तु एक हुर है मेरे दिल से चिलमन-ए-नफरत को उठाने वाली तु एक नुर है ।।💕
मेरे मुशलशल-ए-तब्बसुम की तुम वजह हो मेरे इश्क-ए-ईब्तिदा की तुम ग़ज़ल हो , मेरे मुस्तकबिल की तुम इबादत हो मेरे ताबीर की तुम  अमानत हो ।💕 You are the reason of continuous smile on my face You are the poetry for me when I came to know about love, You are the one who lives in my every prayer You are the gem of my dream .
ओ मेरी महजबीं मेरी महरू तू होती है जब मुझसे रुबरु , खिल उठता है मेरा हर एक रूह याद आते हैं प्यार के वो पहलु जब मेरी माशूका मेरी मदनु , चारों ओर थी बस तू ही तू । 💕